हरिद्वार की गूंज
(मौ.आरिफ) हरिद्वार। उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में एक दर्शक पहले स्थापित राज्य में औद्योगिक विकास सिडकुल की स्थापना की गई थी। इस औद्योगिक क्षेत्र में वर्तमान समय में लगभग 600 से अधिक उद्योग फैक्ट्रियां स्थापित है। उद्योग के कारण हरिद्वार से हर वर्ष लगभग 1250 करोड रुपए का राजस्व सरकार को मिलता है। औद्योगिक विकास को गति देने वाला कर्मचारी उद्योग की रीड़ होता है। लेकिन पिछले कुछ समय से हरिद्वार में औद्योगिक माहौल सुधरने की बजाय बिगड़ता जा रहा है। 2009 में लेकर अब तक कर्मचारियों और प्रबंधको के कई विवाद सामने आ चुके हैं। जिसकी वजह से प्रबंधक अपनी मनमानी से कार्यवाही करते हुए या तो कर्मचारियों को अपने अधिकार में दबा कर रखता है। या कर्मचारी को बाहर का रास्ता दिखा देते हैं। इनमें स्थानीय और कॉन्ट्रैक्ट दोनों तरह के कर्मचारी शामिल होते हैं। एक के बाद एक कंपनी बंद होने और प्रबंधन की ओर से कर्मचारियों का उत्पीड़न करने से सिडकुल में लगभग एक हजार से ज्यादा कर्मचारियों का रोजगार छिन चुका है। जिससे कर्मचारियों मैं प्रबंधन के खिलाफ असंतोष पनप रहा है। इसके विरोध और अपनी मांगों के लिए सिडकुल में आए दिन कर्मचारी धरना प्रदर्शन और अनशन पर बैठे नजर आते हैं। लेकिन प्रबंधन पर इसका कोई भी असर होता नजर नही आता है। प्रबंधन द्वारा लगातार कर्मचारियों का शोषण को रोकने के लिए प्रशासन और श्रम विभाग भी कोई ठोस उपाय नहीं निकाल पा रहा है। जिससे कर्मचारियों की समस्या का समाधान हो सके। वहीं I.T.C.फूड यूनिट फैक्ट्री के 1200 कर्मचारी 10 दिनों से अपनी मांगों के लिए हड़ताल पर बैठे हुए हैं। कर्मचारियों का कहना है कि प्रबंधन द्वारा मानसिक तौर से हमारा शोषण किया जा रहा है। फैक्ट्री कर्मचारी अपनी मांगों के निस्तारण करने के लिए कई बार प्रबंधन से मिल चुके है। और कई बार मांगो के निस्तारण का आश्वासन प्रबंधन दे चुका है। लेकिन प्रबंधन लगातार कर्मचारियों के साथ षड्यंत्र रचता आ रहा है। कर्मचारियों को मजबूर होकर हड़ताल का रास्ता अपनाना पड है। इस अवसपर I.T.C संयुक्त संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष चद्रं मलकान, संयोजक संतोष मिश्रा, सह संयोजक राहुल सिंह, उप संयोजक रवि चन्देला, प्रदीप चौधरी, धीरज कुमार, कमल किशोर पाठक, महावीर रावत, संजय नेगी, निर्मल डंगवाल, पंकज शर्मा, त्रिलोक रावत, रमेश पलडिया, उम्मेद नेगी, अजय जोशी, देवेंद्र, मनोज चौहान, सुधाकर, केशव दत्त, अनिल सैनी आदि सभी कर्मचारी फैक्ट्री परिसर में मौजूद रहे।
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