HARIDWAR KI GUNJ
(अब्दुल सत्तार-वरिष्ठ सम्पादक) हरिद्वार। शासन प्रशासन के द्वारा पॉलोथिन को प्रतिबंधित किया गया है, बहुत ही अच्छा कदम भारत को स्वच्छ बनाने के लिए लेकिन कोई एक बात बताए या किसी ने इस ओर ध्यान लगाया हो या सोचा हो कि आखिर कौन सी पॉलोथिन बंद, क्या कुरकुरे, बिस्कुट, नमकीन की पैकिंग वाली पॉलोथिन बंद? अमूल दूध, दही, मट्ठा की पॉलोथिन बंद?
मल्टीनेशनल कंपनी की मैगी, बीकानेर नमकीन, रिलायंस की सोस, फेना, टाइड, एरियल, पतंजलि आदि के सर्फ की पॉलोथिन बंद? या फिर सिर्फ ठेले पर जो गरीब आदमी दो जून की रोटी कमाने के लिए फल और सब्जी बेचते है, और जो समोसे, ब्रैड पकोड़े बेचते है, उनकी ही पॉलोथिन बंद हुई है? मल्टी- नेशनल कंपनी तो पॉलोथिन में ही सोस पैक करती हैं, जो बंद नहीं है, लेकिन समोसे वाले जो अपनी चटनी पैक करते है, वो वाली पॉलोथिन बंद है, आखिर ऐसा अन्याय क्यों? पॉलोथिन बंद से क्या तात्पर्य है??? मतलब अमीर प्रिंटिड पॉलोथिन में पैकिंग करे तो ठीक और गरीब की सादा पॉलोथिन बंद????? इस पर सभी विचार करे और सभी एक साथ आकर मल्टीनेशनल कंपनी की पैकिंग का विरोध करे और अपने भारत को स्वच्छ बनायें।
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