हरिद्वार की गूंज (24*7)

(राव जुबैर पुंडीर) उत्तर प्रदेश प्रभारी। कोविड महामारी ने देश मे रहने वाले हर तबके के इंसान को बहुत नुकसान पहुंचाया है फिर चाहे वो किसी भी वर्ग का व्यक्ति ही क्यं न हो, सबसे ज्यादा परेशान मिलिड क्लास के लोग रहें हैं, पहले के लगे लॉकडाउन में लोगों ने हजारों किलोमीटर का रास्ता पैदल चलकर पार किया था न जाने कितनों की नोकरी चली गई और न जाने कितनी कंपनियां बन्द हो गईं जो लोग पांच या दस हजार रुपया की नोकरी करते थे वो घर बैठने को मजबूर हो गए ओर खाने तक को परेशान हो गए, गांवों के हालात तो रहने दीजिए शहरों के लोग बहुत परेशान रहे हर एक चीज के लिए खाने को अनाज नही ओर पीने के लिए पानी को भी परेशान रहे, जिस रोजमर्रा की कमाई से उनका घर चलता था वो भी बन्द हो गई, इतने परेशान हो गए लोग कि जगह जगह चोरी होने लगी, ओर न जाने कितने लोग पैदल चल चल कर मर गए और न जाने कितने लोग भूख से मर गए, नुकसान हुआ सभी का, पर यंहा पर सवाल है कि क्या पूरी तैयारी से लॉकडाउन लगाया गया सरकारों द्वारा क्या बन्द करने से पहले तैयारी की थी, देश को भी बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा सारी सरकारी चीजें बन्द ही गई थीं  लगभग फिर चाहे ट्रैन हो या मेट्रो ट्रेन या फिर कई सारी कंपनियां, अब बिहार चुनाव के बाद फिर से लॉकडाउन लगाने की चर्चाएं गर्म हैं, देश के प्रधानमंत्री फिर सभी प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से बातचीत करने को तैयार बैठे हैं, पर अब फिर से मेरा वही सवाल है कि क्या देश तैयार है एक ओर लॉकडाउन के लिए। क्या देश के हालात स्थिर रहेगें एक ओर बन्द से। क्या सरकारों की तैयारी पूरी है एक कर्फ्यू लगाने से पहले। जिम्मेदारी हम सब की है इस महामारी से निपटने के लिए पर कैसे, क्या हम तैयार हैं क्या देश के लोग तैयार हैं, वो लोग जो बहुत मुश्किल से अपने घर पहुँचे अब वो वापस आ गए हैं रोजीरोटी के लिए क्या वो अब पेट भर खाना खा पाएंगे बन्द के बाद, यह सब सोच समझकर ही बन्द किया जाए देश लोगों से है और अगर लोग ही सुरक्षित नही हैं तो फिर कैसे चलेगा, पहले के लॉक डाउन में सभी देशवासियों ने अपना अपना सहयोग दिया पर अब देश के हालात बदल चुके हैं, अभी देश के लोग अपनी आखिरी उम्मीद के सहारे बैठे हैं कि अब कुछ काम करेंगे तो लॉकडाउन में लिए कर्ज चुका पाएंगे बेटी बेटा की शादी कर पाएंगे कम से कम भर पेट खाना खा पाएंगे, मेने बहुत से लोगों से बात कि फिर चाहे वो बिहार के हो दिल्ली के हों या उत्तर प्रदेश के सभी का एक ही कहना है कि इस बार कर्फ्यू लगा तो हम भूखे मर जाएंगे, मेरा सरकार से कहना है कि आप लगाइए कर्फ्यू बन्द कराइए आप सब कुछ लगा दीजिए लॉकडाउन, पर क्या आपकी तैयारी है कि कैसे लोगों को सुरक्षित रखेंगे, कैसे लोगों को भरपेट खाना देंगे, लॉकडाउन में बहुत बड़े बड़े पैकेज की घोसड़ा हुई पर किस मिडिल क्लास को फायदा हुआ उन पैकेज का सब वंही के वंही हैं देश की जीडीपी ओर गिर गई किसान का धान ओर हजार 1200 रुपया कुंतल बिक गया, तो जब तक पूरी तैयारी न हो बन्द करने की तब लॉकडाउन न लगाया जाए, लोग एक झटका झेल नही पाएंगे हो सकता कुछ लोग आत्महत्या कर लें हो सकता कुछ लोग फिर से भूखे मर जाएं तो यह सब ध्यान में रखकर सरकार को फैसला लेना चाहिए, कोविड जैसी महामारी से बचने के लिए बहुत ज्यादा सावधानी की जरूरत है घर पर रहने की जरूरत है, मास्क लगाने की जरूरत है, हाथ धोने की भी जरूरत है पर ध्यान रहे कि जिंदा रहने के लिए खाना खाने की जरूरत भी है, सेनिटाइजर से हाथ धोना जरूरी है अपनी रोजी रोटी से हाथ न धो बैठें, सब समझते हैं कि समस्या ज्यादा है मिलकर ही सबको लड़ना होगा ओर सब मिलकर लड़े भी थे  ओर आगे भी लड़ेंगे पर अब सरकारों को भी जरूरत है देश के उन लोगों के लिए लड़ने की जो बस रोज काम पर जाते हैं तब उनके घर का चूल्हा शाम को जल पाता है, एक ओर लॉक डाउन झेलने की स्थिति में देश के लोग नही हैं, कोई कुछ भी कहे पर परेशान सभी हैं बस लोग अब सरकार को ही अपना भगवान समझ कर बैठे हैं, दोस्तों लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करें इस महामारी के बारे में ओर जितनी हो सके मदद करें अगर आप इस काबिल हैं तो, सरकार एक बार जरूर सोचे कि क्या देश तैयार है बन्द के लिए यह भी सोचे कि क्या सरकार खुद तैयार है लॉकडाउन के लिए।

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