हरिद्वार की गूंज (24*7)
(रजत चौहान) हरिद्वार। हरिद्वार के मुख्य विकास अधिकारी विनीत तोमर की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अन्तर्गत गठित जिला स्तरीय समिति की समीक्षा बैठक आयोजित हुई।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से प्रधानमंत्री आदर्श गांव योजना के तहत आच्छादित गांवों के स्कूलों में मानक के अनुसार शौचालयों के बारे में पूछा, जिसपर शिक्ष विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मानक के अनुसार जितने शौचालय बनने हैं उनका प्रस्ताव प्रस्तुत किया जा चुका है। भगवानपुर ब्लाक के हबीबपुर निवादा गांव के सम्बन्ध में बताया कि वहां पांच आंगनबाड़ी केन्द्र हैं जोकी अपने भवन में हैं जिसमें दो शौचालय बनने हैं। समिति ने हबीबपुर निवादा के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया। भगवानपुर ब्लाक के मोलना गांव में दो हैण्डपम्प का प्रस्ताव रखा गया था, जिसके विषय को देखते हुये विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से एक हैण्डपम्प स्थापित करने का प्रस्ताव मंजूर हुआ। अधिकारियों ने मुख्य विकास अधिकारी को बताया कि भगवानपुर ब्लाक के मोलना गांव में पांच आंगनबाड़ी केन्द्र हैं, पांचों में शौचालय की सुविधा है। समिति ने इसे भी सर्वसम्मति से पारित कर दिया।
बहादराबाद ब्लाॅक के अलावलपुर गांव में कितने आंगनबाड़ी केन्द्र हैं, के उत्तर में अधिकारियों ने मुख्य विकास अधिकारी को बताया कि पांच आंगनबाड़ी केन्द्र हैं, जिनमें से दो अपने भवन में हैं, दोनों में शौचालय की सुविधा उपलब्ध है।
लक्सर ब्लाक के महतौली गांव के सम्बन्ध में अधिकारियों ने बताया कि वहां दो स्कूल हैं, जिनमें तीन शौचालय बनने हैं तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या चार है।
खानपुर ब्लाॅक के सिकन्दरपुर गांव के सम्बन्ध में अधिकारियों ने बताया कि वहां छह आंगनबाड़ी केन्द्र हैं, जिनमें से पांच अपने भवन में हैं तथा एक आंगनबाड़ी भवन का निर्माण होना है। समिति ने इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया।
अधिकारियों ने समीक्षा बैठक में बताया कि प्रधानमंत्री आदर्श गांव योजना के तहत 53 गांव चिह्नित हैं, लेकिन अब एक गांव वन पंचायत में तथा एक गांव शहरी क्षेत्र में आने की वजह से प्रधानमंत्री आदर्श गांव योजना में चिह्नित गांवों की संख्या-51 रह गयी है।
मुख्य विकास अधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे प्रधानमंत्री आदर्श गांव योजना के तहत निर्धारित मानकों को केन्द्र बिन्दु में रखते हुये इसमें और तेजी लायें।
बता दें कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना का मुख्य उद्देश्य 50 प्रतिशत से अधिक अनु0जाति जनसंख्या वाले चयनित गांवों का एकीकृत विकास सुनिश्चित करना है। इसके अन्तर्गत ’’आदर्श’’ ग्राम’’ एक ऐसी परिकल्पना है, जिसमें लोगों को विभिन्न बुनिवादी यथा-पेयजल एवं स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण, समाज सुरक्षा, ग्रामीण सड़कें एवं आवास, विद्युत एवं स्वच्छ ईंधन, कृषि, वित्तीय समावेश, डिजिटलीकरण जैसी सेवायें देने की परिकल्पनायें की गयी हैं, जिससे समाज के सभी वर्गों की न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति हो और असमानतायें कम से कम रहें। गांव विकास योजना का उद्देश्य चुने गांवों का आदर्श ग्राम के रूप में लगभग 5 वर्ष की समय सीमा में विकास करने के लिये व्यापक, वास्तविक और व्यावहारिक रूप रेखा तैयार करना है। बैठक में पुष्पेन्द्र सिंह चैहान, जिला विकास अधिकारी, नरेन्द्र यादव, उद्यान एवं समाज कल्याण अधिकारी, सुश्री भारती तिवारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी सहित सम्बन्धित विभागों के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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