HARIDWAR KI GUNJ
(अब्दुल सत्तार-वरिष्ठ सम्पादक) हरिद्वार। आज का भारत और 70 साल पुराने भारत मे बहुत फर्क है, 70 साल पहले भारत को आजाद कराने के लिए सभी समुदाय के लोगो ने अपनी कुर्बानियां दी, कंधे से कंधा मिलाकर हिन्दु, मुस्लिम आदि सभी ने भारत को अपने प्राणों की आहुति देकर आजाद कराया, माता पिता ने अपने जिगर के टुकडो को फाँसी के फंदे पर लटके और सीनो पर गोलिया खाते देखा, बहनो ने भाईयों, महिलाओं ने अपने सुहाग को उजडते देखा, दादा, दादी ने अपने पोतो को और नाना, नानी ने अपने नवासो को कुर्बान होते देखा, उस समय ना कोई हिन्दु था, ना मुस्लमान था, लेकिन भारत के आजाद होने के बाद भारत मे हिन्दु मुस्लमान पैदा हो गये, आज भारत वासी ऐसी सोच क्यो नही रख रहे की आजादी के समय हमारे पूर्वजों ने आपस मे कभी हिन्दु मुस्लिम नही किया हम भी तो उन्ही की औलादे है, फिर हम क्यो आपस मे उलझे हुए है, कोई भी मजहब आपस मे लडना, झडना, बुरा भला, कहना नही सिखाता है, सभी मजहब भाई चारे का और एकता का संदेश देते है, हमे भी अपने अपने मजहब मे कही गयी बातो पर अमल करना चाहिए, और एक रहकर देश के विकास की बात करनी चाहिए, किसी के बहकावे मे नही आना चाहिए।
(अब्दुल सत्तार-वरिष्ठ सम्पादक) हरिद्वार। आज का भारत और 70 साल पुराने भारत मे बहुत फर्क है, 70 साल पहले भारत को आजाद कराने के लिए सभी समुदाय के लोगो ने अपनी कुर्बानियां दी, कंधे से कंधा मिलाकर हिन्दु, मुस्लिम आदि सभी ने भारत को अपने प्राणों की आहुति देकर आजाद कराया, माता पिता ने अपने जिगर के टुकडो को फाँसी के फंदे पर लटके और सीनो पर गोलिया खाते देखा, बहनो ने भाईयों, महिलाओं ने अपने सुहाग को उजडते देखा, दादा, दादी ने अपने पोतो को और नाना, नानी ने अपने नवासो को कुर्बान होते देखा, उस समय ना कोई हिन्दु था, ना मुस्लमान था, लेकिन भारत के आजाद होने के बाद भारत मे हिन्दु मुस्लमान पैदा हो गये, आज भारत वासी ऐसी सोच क्यो नही रख रहे की आजादी के समय हमारे पूर्वजों ने आपस मे कभी हिन्दु मुस्लिम नही किया हम भी तो उन्ही की औलादे है, फिर हम क्यो आपस मे उलझे हुए है, कोई भी मजहब आपस मे लडना, झडना, बुरा भला, कहना नही सिखाता है, सभी मजहब भाई चारे का और एकता का संदेश देते है, हमे भी अपने अपने मजहब मे कही गयी बातो पर अमल करना चाहिए, और एक रहकर देश के विकास की बात करनी चाहिए, किसी के बहकावे मे नही आना चाहिए।
Post A Comment:
0 comments so far,add yours