HARIDWAR KI GUNJ
(गगन शर्मा) हरिद्वार। भारत स्वच्छता अभियान के अंतर्गत विभन्न प्राइवेट कंपनियां जैसे कि एच. डी.एफ.सी, हीरो मोटो कॉर्प, आई.टी.सी आदि कम्पनी केंद्र और राज्य सरकार के साथ अपना महत्वपूर्ण सहयोग दे रही है। जिसके कारण अब गाँवो में भी साफ सफाई अलग ही दिखाइ देती है। उदाहरण के लिए बात की जाय तो हरिद्वार में ब्लॉक बहदराबाद का अजीतपुर, फेरूपुर, पंजनहेड़ी, मिस्सरपुर, और कटारपुर गाँव में जिसमे कुछ साल पहले न तो सड़को पर कभी झाड़ू लगती थी, न ही कूड़े के लिए कोई समुचित व्यवस्था थी। बल्कि लापरवाही के चलते रास्तो पर गोबर, कूड़ा, कीचड़, के अलावा कुछ लोग रास्तो के किनारे रात के अँधेरे में शौच कर दिया करते थे जिसके कारण दिन भर चलने वालों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ता था। अब समय ऐसा बदला कि सरकारी योजना के अंतर्गत घर घर शौचालय बन जाने के कारण अधिकांश गाँव वालों ने घर से बाहर शौच करना बंद कर दिया है। इसके बावजूद जो लोग अपनी गन्दी आदतों के कारण खुले में शौच करने के आदि थे उनको लाईन पर लाने के लिए ग्राम प्रधान नूतन कुमार ने उन स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगाये गए कि " जो भी खुले में शौच करता पाया गया उसको 2000 रुपये जुर्माना होगा"। उसके बाद अब गाँवो मे जिन लोगो ने सड़कों के किनारे अपनी अपनी कुलड़ी (कूड़ेदान) बना रखे थे। उन्हें सड़को से हटाया गया उसकी जगह हर घर मे जैविक और अजैविक कूड़े के लिये गाँव वालों को मुफ्त डस्टबीन दिय गए। साथ ही गांव में जगह जगह अत्याधुनिक कूड़ेदान लगवाये गए। जिससे कि लोग लापरवाही से अपना कूड़ा इधर उधर न डालकर कूड़ेदान में ही डालते है। गाँव में जो गन्दा पानी रास्तो पर बहता था अब अनलोकिंग टाइल लगने और गंदे पानी की निकासी के लिए अंडर ग्राउंड पाइप डलने के कारण अब गन्दा पानी रास्तो पर खुले में नही बहता है। कुछ गांव मे ग्राम प्रधान अपने विवेकानुसार साल के प्रमुख अवसर पर रास्तो की सफाई, चुना छिडकाव, सजावट करने से भी गांवों में बदलाव और विकास की वो लहर चली हैं जिसकी कल्पना बहुत पहले से की जाती रही है। हालाकि इसमे हीरो मोटोकॉर्प, आई. टी. सी, एच. डी. एफ. सी जैसी कम्पनियों के योगदान को नही भुलाया जा सकता जिनके सहयोग से स्कूलों की इमारतों पर पुताई का काम कराना और गाँवों में कूड़े को ढोने के लिए छोटा ट्रेक्टर ट्रॉली और साईकिल वाली ठेली की व्यवस्था कराई गई। लेकिन हमारे देश मे उचित समय पर गलत चीज के लिए पर्याप्त सज़ा न होने के कारण कुछ ढीट टाइप के लोग मुख्य राजमार्ग पर गोबर, कूड़ा, और अन्य प्रकार का कूड़ा डालकर पूरी सफाई व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा देते हैं। लक्सर रोड पर मिस्सरपुर गांव में सड़को के किनारे गाँव वालों ने कुलड़ी (कूड़ेदान) बना रखे थे। ऐसे कूड़ेदानों को सड़क से हटाने के लिए कई बार सोशल मीडिया और समाचार पत्र द्वारा "हरिद्वार की गूंज" द्वारा प्रशासन को अवगत कराया गया जिसके चलते मिस्सरपुर में तो सड़क के किनारे कूड़ेदान हटा लिये गए, मगर जियापोता गांव मे अभी भी मुख्य राजमार्ग के किनारे कुछ गैर जिम्मेदार लोगों द्वारा गोबर, और अन्य प्रकार के कूड़े डालकर व्यवस्था खराब की हुई है। जब तक ऐसे गैर जिम्मेदार लोगों पर प्रशासन उचित समय पर उचित कार्यवाही नही करता ये लोग सुधरने वाले नहीं। अतः हरिद्वार जिला प्रशासन से अपेक्षा की जाती है कि सड़कों के किनारे गन्दा करने वालो को ऐसी सज़ा दी जाय जिससे कि उससे अन्यो को भी भय हो। तभी स्वच्छता अभियान में लगी हुई प्राइवेट कंपनियों, सरकार और ग्राम प्रधानों की मेहनत सार्थक हो पायेगी।
(गगन शर्मा) हरिद्वार। भारत स्वच्छता अभियान के अंतर्गत विभन्न प्राइवेट कंपनियां जैसे कि एच. डी.एफ.सी, हीरो मोटो कॉर्प, आई.टी.सी आदि कम्पनी केंद्र और राज्य सरकार के साथ अपना महत्वपूर्ण सहयोग दे रही है। जिसके कारण अब गाँवो में भी साफ सफाई अलग ही दिखाइ देती है। उदाहरण के लिए बात की जाय तो हरिद्वार में ब्लॉक बहदराबाद का अजीतपुर, फेरूपुर, पंजनहेड़ी, मिस्सरपुर, और कटारपुर गाँव में जिसमे कुछ साल पहले न तो सड़को पर कभी झाड़ू लगती थी, न ही कूड़े के लिए कोई समुचित व्यवस्था थी। बल्कि लापरवाही के चलते रास्तो पर गोबर, कूड़ा, कीचड़, के अलावा कुछ लोग रास्तो के किनारे रात के अँधेरे में शौच कर दिया करते थे जिसके कारण दिन भर चलने वालों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ता था। अब समय ऐसा बदला कि सरकारी योजना के अंतर्गत घर घर शौचालय बन जाने के कारण अधिकांश गाँव वालों ने घर से बाहर शौच करना बंद कर दिया है। इसके बावजूद जो लोग अपनी गन्दी आदतों के कारण खुले में शौच करने के आदि थे उनको लाईन पर लाने के लिए ग्राम प्रधान नूतन कुमार ने उन स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगाये गए कि " जो भी खुले में शौच करता पाया गया उसको 2000 रुपये जुर्माना होगा"। उसके बाद अब गाँवो मे जिन लोगो ने सड़कों के किनारे अपनी अपनी कुलड़ी (कूड़ेदान) बना रखे थे। उन्हें सड़को से हटाया गया उसकी जगह हर घर मे जैविक और अजैविक कूड़े के लिये गाँव वालों को मुफ्त डस्टबीन दिय गए। साथ ही गांव में जगह जगह अत्याधुनिक कूड़ेदान लगवाये गए। जिससे कि लोग लापरवाही से अपना कूड़ा इधर उधर न डालकर कूड़ेदान में ही डालते है। गाँव में जो गन्दा पानी रास्तो पर बहता था अब अनलोकिंग टाइल लगने और गंदे पानी की निकासी के लिए अंडर ग्राउंड पाइप डलने के कारण अब गन्दा पानी रास्तो पर खुले में नही बहता है। कुछ गांव मे ग्राम प्रधान अपने विवेकानुसार साल के प्रमुख अवसर पर रास्तो की सफाई, चुना छिडकाव, सजावट करने से भी गांवों में बदलाव और विकास की वो लहर चली हैं जिसकी कल्पना बहुत पहले से की जाती रही है। हालाकि इसमे हीरो मोटोकॉर्प, आई. टी. सी, एच. डी. एफ. सी जैसी कम्पनियों के योगदान को नही भुलाया जा सकता जिनके सहयोग से स्कूलों की इमारतों पर पुताई का काम कराना और गाँवों में कूड़े को ढोने के लिए छोटा ट्रेक्टर ट्रॉली और साईकिल वाली ठेली की व्यवस्था कराई गई। लेकिन हमारे देश मे उचित समय पर गलत चीज के लिए पर्याप्त सज़ा न होने के कारण कुछ ढीट टाइप के लोग मुख्य राजमार्ग पर गोबर, कूड़ा, और अन्य प्रकार का कूड़ा डालकर पूरी सफाई व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा देते हैं। लक्सर रोड पर मिस्सरपुर गांव में सड़को के किनारे गाँव वालों ने कुलड़ी (कूड़ेदान) बना रखे थे। ऐसे कूड़ेदानों को सड़क से हटाने के लिए कई बार सोशल मीडिया और समाचार पत्र द्वारा "हरिद्वार की गूंज" द्वारा प्रशासन को अवगत कराया गया जिसके चलते मिस्सरपुर में तो सड़क के किनारे कूड़ेदान हटा लिये गए, मगर जियापोता गांव मे अभी भी मुख्य राजमार्ग के किनारे कुछ गैर जिम्मेदार लोगों द्वारा गोबर, और अन्य प्रकार के कूड़े डालकर व्यवस्था खराब की हुई है। जब तक ऐसे गैर जिम्मेदार लोगों पर प्रशासन उचित समय पर उचित कार्यवाही नही करता ये लोग सुधरने वाले नहीं। अतः हरिद्वार जिला प्रशासन से अपेक्षा की जाती है कि सड़कों के किनारे गन्दा करने वालो को ऐसी सज़ा दी जाय जिससे कि उससे अन्यो को भी भय हो। तभी स्वच्छता अभियान में लगी हुई प्राइवेट कंपनियों, सरकार और ग्राम प्रधानों की मेहनत सार्थक हो पायेगी।
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