HARIDWAR KI GUNJ


(गगन शर्मा) हरिद्वार। भारत देश मे जितनी तेजी से जनसंख्या व्रद्धि हो रही है उसको देखते हुवे ऐसे सड़को पर मासूम बचपन दिखना सामान्य बात होगी। जिला प्रशासन, राज्य सरकार और केंद्र सरकार को अपने अन्य कार्यों से फुर्सत मिले तो शायद देश के इन भविष्य के बारे में कुछ विचार भी करती। केंद्र सरकार जहाँ एक और गरीबी हटाने के लिए विभिन्न योजनाए चला रही है तो दूसरी और सड़कों के किनारे झुग्गी ,झोपड़ी और पन्नी के नीचे सर्दी, गर्मी और बरसात में अपना जीवन व्यतीत करने वाले इन लोगो के रोजगार, सर छिपाने के बारे में कब कोई आयोग बनेगा ये तो राम जाने। मगर जब अन्ये देशों से पर्यटक घूमने आते है तो इन गरीबो को देखने के बाद वो ये ही बुदबुदाते है " पुअर इंडीया पुअर पीपल" । सरकार, प्रशासन और इन गरीब बच्चों के अभिभावकों के पास जो भी कारण हो मगर इन बच्चों का क्या दोष? यदि इन बच्चों के पास चप्पल, कपड़े हो भी तो इनके घरवाले इन्हें इसलिए नही देते क्योकि फिर इन पर तरस खाकर पैसे कौन देगा? इसी लालच के कारण ये बच्चे धूप, गर्मी और बरसात में भारी परेशानी झेलते है। पिछले कुछ समय से जब से हरिद्वार में जिलाधिकारी दीपक रावत आये हैं उनके कर कमलों से बहुत से असाधारण कार्य हुवे आशा है कि दीपक रावत जी इस विषय पर भी अपनी सूझ बूझ का परिचय देते हुवे इन मासूम बच्चों के विषय मे यथासम्भव कदम उठाएंगे।
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