हरिद्वार की गूंज (24*7)
(गगन शर्मा) हरिद्वार। कोरोना वायरस के चीन में शुरू हुवे एक साल से ज्यादा का समय बीत गया है। साथ ही इस वायरस के कारण विश्व के कई देशों को जहां एक ओर भारी अर्थ व्यवस्था की हानि हुई है तो वही दूसरी ओर भारी संख्या में लोगो को अपनी जान से हाथ भी धोना पड़ा है। अब जब सर्दी बढ़ने की ओर है तो दिल्ली, राजस्थान, गुजरात जैसे कई राज्यों में वहाँ की राज्य सरकार द्वारा रात का कर्फ्यू शुरू किया गया है। उत्तराखंड में राज्य सरकार को अभी कर्फ्यू जैसी आवश्यकता महसूस नही हुई है लेकिन कोरोना को हल्के में न लेते हुवे उत्तराखंड सरकार ने मास्क पहनने, सोशल डिस्टडेन्स पर सख्ती से पालन करने पर जोर दिया है। इसके लिये जनता को भी चाहिए कि बजाय वो चालान से बचने हेतु मास्क पहने वो स्वयं और खुद के परिवार की कोरोना से बचाव हेतु सरकार की गाइड लाइन का पालन करे। यदि आप कोरोना से संक्रमित नही है और मास्क पहनना जरूरी नही समझते तो आप गलत हो। यदि आपने मास्क नही पहना और किसी वाहन चालक, सहकर्मी या बाजार में किसी ने छींक दिया, खांस दिया और वो संक्रमित हुवा तो आप स्वयं को संक्रमित होने से नही बचा पायेगे। ऐसे में आपका मास्क और 2 गज दूरी ही आपकी रक्षा करेगी। समय समय पर गर्म भाँप लेना, योग करना, अपनी इम्युनिटी पॉवर को बढ़ाने से भी आप स्वयं को संक्रमित होने से बचा सकते हो। सभी राज्य सरकार और जिला प्रशासन को चाहिए कि जो सार्वजनिक वाहन चालक और खाद्य पदार्थ विक्रेता लापरवाही के कारण मास्क लगाए बिना जनता ग्राहक से अपना रोजगार कर रहे हैं उनके साथ पहले चेतावनी फिर सख्ती से पालन की सख्त जरूरत है। ऐसे बहुत से खाद्य पदार्थ विक्रेता या हलवाई, वाहन चालक देखे गए हैं जो धूम्रपान या अन्य कारणों से मास्क न लगाकर कोरोना को मजाक में ले रहे हैं। सरकार को एक गाइड लाइन और जारी करनी होगी जिसमें यदि कोई बीमार अस्वस्थ व्यक्ति सार्वजनिक समारोह, विद्यालय, कार्यस्थल लापरवाही के चलते जाता है तो उस पर भी कोरोना आपदा को बढ़ाने के तहत ठोस कार्यवाही हेतु निर्देश जारी किए जाए।
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