HARIDWAR KI GUNJ
(गगन शर्मा) हरिद्वार। पुलिस वाले भी इंसान ही होते है, उनमे पुरुषों के अलावा महिला पुलिस वालों को भी गर्मी लगती है। लेकिन हर समस्या का समाधान होता है। सार्थक समाधान खोजने की अपेक्षा यदि समस्या के आगे हथियार डाल दे तो समझदारी नही होगी। हरिद्वार में हाई वे पर प्रेमनगर आश्रम चौक जो कि दुर्घटना सम्भावित क्षेत्र भी है यहाँ इससे पूर्व भी वाहन चालकों की जल्दबाजी के चलते दुर्घटना में जान जा चुकि है। मगर लगता है कि प्रशासन गलतियो से सीख लेने को तैयार नही है। शायद इसी वजह से दिन में ऐसा कई बार देखा जाता है जब पुलिस कर्मी चौक पर ड्यूटी करने के बजाय गप्पे मारने, मोबाइल पर फेसबुक/ वाट्सअप/ या फोन पर टाइम पास करते देखे जाते हैं। होने को ये भी हो सकता है कि बारी बारी से कुछ कुछ समय पर आपस मे सहयोग करते हुवे ड्यूटी को अंजाम दिया जा सके। यहाँ पर तैनात जवानों का कहना है कि बाइक और अन्ये वाहन चालक हमारे निर्देशो का पालन नही करते। मीडिया या राजनीति का हवाला देकर हमारे कार्य मे सहयोग करना वो फिजूल समझते हैं। जबकि पुलिस वाले आम जनता की सुरक्षा के लिए ही रात/दिन, धूप, वर्षा में खड़े होते है। ऐसे में समाज के सभी वर्ग फिर चाहे वह आम जनता हो, मीडिया से हो या राजनीति से सभी को पुलिसकर्मियों के निर्देशों का पालन करना चाहिए। इसके अलावा पुलिस के आला अधिकारियों से अपेक्षा की जाती है कि ड्यूटी में लापरवाही करने वालों से सख्ती से पेश आये।
(गगन शर्मा) हरिद्वार। पुलिस वाले भी इंसान ही होते है, उनमे पुरुषों के अलावा महिला पुलिस वालों को भी गर्मी लगती है। लेकिन हर समस्या का समाधान होता है। सार्थक समाधान खोजने की अपेक्षा यदि समस्या के आगे हथियार डाल दे तो समझदारी नही होगी। हरिद्वार में हाई वे पर प्रेमनगर आश्रम चौक जो कि दुर्घटना सम्भावित क्षेत्र भी है यहाँ इससे पूर्व भी वाहन चालकों की जल्दबाजी के चलते दुर्घटना में जान जा चुकि है। मगर लगता है कि प्रशासन गलतियो से सीख लेने को तैयार नही है। शायद इसी वजह से दिन में ऐसा कई बार देखा जाता है जब पुलिस कर्मी चौक पर ड्यूटी करने के बजाय गप्पे मारने, मोबाइल पर फेसबुक/ वाट्सअप/ या फोन पर टाइम पास करते देखे जाते हैं। होने को ये भी हो सकता है कि बारी बारी से कुछ कुछ समय पर आपस मे सहयोग करते हुवे ड्यूटी को अंजाम दिया जा सके। यहाँ पर तैनात जवानों का कहना है कि बाइक और अन्ये वाहन चालक हमारे निर्देशो का पालन नही करते। मीडिया या राजनीति का हवाला देकर हमारे कार्य मे सहयोग करना वो फिजूल समझते हैं। जबकि पुलिस वाले आम जनता की सुरक्षा के लिए ही रात/दिन, धूप, वर्षा में खड़े होते है। ऐसे में समाज के सभी वर्ग फिर चाहे वह आम जनता हो, मीडिया से हो या राजनीति से सभी को पुलिसकर्मियों के निर्देशों का पालन करना चाहिए। इसके अलावा पुलिस के आला अधिकारियों से अपेक्षा की जाती है कि ड्यूटी में लापरवाही करने वालों से सख्ती से पेश आये।
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