हरिद्वार की गूंज
(गगन शर्मा) हरिद्वार। जहाँ एक ओर अपने देश में ही नही अपितु पूरे विश्व के लिए पीने के पानी का संकट सिर पर है। तो दूसरी ओर अवैध खनन के कारण ग्रामीण क्षेत्रो में पानी का जल स्तर निरन्तर घटता जा रहा है। अदालतों, राज्य और केन्द्र सरकार के पास खनन की समस्या सुलझाने के लिये कोई ठोस समाधान न होने का कारण अवैध खनन करने वालो के हौसले बुलंद है। वीडियो में दिखाया जा रहा हैं कि हरिद्वार के ग्रामीण क्षेत्र में अवैध खनन का कारोबार इतने जोर शोर से चल रहा है कि आने वाले समय में  जनता अपनी मूलभूत सुविधा के लिए पानी को लेकर तरस जाएगी। क्योंकि हरिद्वार के गाँवों में कुछ स्टोन क्रेशर का इतना बुरा हाल है कि वो धरती माता का सीना चीरकर अपने स्वार्थ पूर्ति कर रहे हैं। ऐसे दबंग स्टोन क्रेशर के मालिक यह सोचने की भी जरूरत नही समझ रहे कि आने वाले समय में जिन लोगों को बेवकूफ बनाकर धन कमाया जा रहा है और जो लोग अवैध खनन के कारोबार में जुड़े हैं उन लोगों को भी पानी के लिए तरसना पड़ेगा। कटारपुर से लेकर रानी माजरा तक जितने भी स्टोन क्रेशर हैं उनमें रात दिन अवैध खनन का खेल खेला जा रहा है यह लोग ग्रामीण जनता को बेवकूफ बनाकर पट्टे की जमीन पर खनन का खेल खेलकर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। स्थानीय ग्राम प्रधान और ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कुछ समय से ग्रामीण क्षेत्र में कुछ खनन माफियो का हौसला इस कदर मजबूत है कि उनके खनन वाहन सड़को पर उतरने या खनन करने से पहले थाने से लगाकर स्टोन क्रेशर तक हर चौराहे पर फील्डिंग लगा देते है। उनके लोग केवल कुछ पैसों के लिए पूरी रात भर रास्तों में बैठ कर आने वाले अधिकारियों की जानकारी खनन माफिया तक पहुंचाते हैं । जब तक अधिकारी मौके पर पहुंचते है तब तक उनके लोग अपनी मशीनें ट्रैक्टर वहां से हटा लेते हैं। स्थानीय जनता का कहना है कि  जल स्तर घटने और इन स्टोन क्रेशरों के बारे में ना तो राज्य सरकार ना ही राजस्व विभाग  ध्यान दे रहै है। माना कि  जिला अधिकारी हरिद्वार और एसएसपी कृष्ण कुमार वी के की कार्यशैली को चलते अवैध खनन पर कार्यवाही होती रहती है, मगर जल संकट को देखते हुवे यह नाकाफी है। वीडियो के अनुसार तो प्रशासन डाल डाल , अवैध खनन करने वाले पात पात।
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